Vinesh Phogat Comeback: पहलवान विनेश फोगाट ने संन्यास के 490 दिन बाद फिर से कुश्ती में लौटने का फैसला क्यों किया?
Vinesh Phogat Comeback: भारतीय पहलवान विनेश फोगाट ने संन्यास वापस लेकर 2028 लॉस एंजिलिस ओलिंपिक में खेलने का ऐलान किया है. पेरिस ओलिंपिक में 100 ग्राम वजन ज्यादा होने से डिसक्वालिफाई होने के बाद उन्होंने कुश्ती छोड़ने का ऐलान किया था. अब विनेश ने फिर से वापसी की घोषणा की है.

Vinesh Phogat Comeback: भारत की दिग्गज पहलवान और कांग्रेस विधायक विनेश फोगाट ने अपने संन्यास को वापस लेने का बड़ा फैसला किया है. विनेश अब 2028 में होने वाले लॉस एंजिलिस ओलिंपिक में देश का प्रतिनिधित्व करने की तैयारी में हैं. इस फैसले की जानकारी उन्होंने सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए दी.
उन्होंने शुक्रवार को सोशल मीडिया पर एक भावुक पोस्ट लिखा, जिसमें उन्होंने कहा, "खामोशी में मुझे कुछ ऐसा मिला जिसे मैं भूल गई थी. आग कभी खत्म नहीं होती."
पेरिस ओलिंपिक के बाद लिया था संन्यास
विनेश पेरिस ओलंपिक 2024 में फाइनल तक पहुंची थीं. लेकिन 100 ग्राम वजन ज्यादा होने से डिसक्वालिफाई हो गईं. इसके बाद उन्होंने कुश्ती छोड़ने का ऐलान किया था.
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'आग कभी खत्म नहीं होती'
अपने संन्यास वापस लेने की घोषणा करते हुए विनेश ने लिखा कि लोग अक्सर पूछते थे कि क्या पेरिस उनका आखिरी मुकाबला था. उन्होंने बताया, "बहुत समय तक, मेरे पास इसका जवाब नहीं था. मुझे मैट से, प्रेशर से, उम्मीदों से, यहां तक कि अपने सपनों से भी दूर जाने की जरूरत थी. सालों में पहली बार, मैंने खुद को सांस लेने दिया. मुझे अपने सफर का महत्व समझने में समय लगा. उतार-चढ़ाव, दिल टूटना, त्याग, मेरे वो रूप जिन्हें दुनिया ने कभी नहीं देखा और कहीं उस सोच में, मुझे सच मिला, मुझे अब भी यह खेल पसंद है. मैं अब भी मुकाबला करना चाहती हूं."

बेटे को बताया सबसे बड़ी प्रेरणा
विनेश फोगाट ने बताया कि वह अब अकेले सफर नहीं कर रही हैं. उन्होंने कहा, "इस बार, मैं अकेली नहीं चल रही हूं, मेरा बेटा मेरी टीम में शामिल हो रहा है, मेरा सबसे बड़ा मोटिवेशन, LA ओलंपिक्स के इस रास्ते पर मेरा छोटा चीयरलीडर."
विनेश ने संन्यास के बाद जुलाना विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव जीता था और वह फिलहाल विधायक हैं. इसी साल जुलाई में वह मां बनी थीं.
ऐसा रहा करियर
विनेश फोगाट ने अपने करियर में कई महत्वपूर्ण उपलब्धियां हासिल की हैं. पेरिस में डिसक्वालिफाई होने से पहले वह एक भी मुकाबला नहीं हारी थीं. उन्होंने सेमीफाइनल में क्यूबा की गुजमान लोपेजी और क्वार्टर फाइनल में विश्व चैंपियन जापान की युई सुसाकी जैसी मजबूत पहलवानों को हराया था. हालांकि, यह उनका तीसरा ओलिंपिक था. इससे पहले 2016 रियो ओलिंपिक में वह चोट के कारण बाहर हो गई थीं और 2020 टोक्यो ओलिंपिक में उन्हें क्वार्टर फाइनल में हार का सामना करना पड़ा था.
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