राजस्थान के 3 विधायकों पर रिश्वतखोरी का कलंक! अब Action शुरू...CM से लेकर स्पीकर ने उठाए ये कड़े स्टेप
Rajasthan MLA Bribery Case: राजस्थान में विधायक कोष से विकास कार्यों की अनुशंसा के बदले कथित कमीशन मांगने का मामला सामने आया है. स्टिंग ऑपरेशन के बाद सरकार ने आरोपित विधायकों के खाते सीज कर दिए हैं. उच्च स्तरीय जांच समिति और सदाचार समिति मामले की जांच कर रही है.

Rajasthan News:राजस्थान में विधायक कोष (MLA LAD) की अनुशंसा करने के नाम पर कमीशन मांगने के कथित आरोपों के बाद सरकार ने बड़ी कार्रवाई की है. जिन तीन विधायकों पर रिश्वत मांगने का आरोप हैं अब उनके विधायक कोष अकाउंट को तत्काल प्रभाव से सीज कर दिया गया है. सरकार ने दैनिक भास्कर के एक स्टिंग ऑपरेशन के सामने आने के बाद यह कार्रवाई की है, जिसमें कथित तौर पर आरोपी विधायक कमीशन की डील करते हुए कैमरे में कैद हुए थे.
भ्रष्टाचार पर 'जीरो टॉलरेंस' की नीति
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने इस पूरे मामले पर कड़ा रुख अपनाया है. उन्होंने सोशल मीडिया 'X' पर लिखा, "यदि भ्रष्टाचार में ये विधायक दोषी पाए जाते हैं तो उन्हें बख्शा नहीं जाएगा."
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मामले की जांच के लिए बनी उच्च-स्तरीय समिति
इस गंभीर मामले की गहन और निष्पक्ष जांच के लिए मुख्यमंत्री ने एक उच्च-स्तरीय समिति का गठन किया है. यह समिति राज्य के मुख्य सतर्कता आयुक्त की अध्यक्षता में काम करेगी. समिति में मुख्य सचिव और डीजीपी जैसे उच्च अधिकारी भी शामिल हैं.
विधानसभा की सदाचार समिति भी करेगी जांच
इसके अलावा, सरकार की जांच के साथ-साथ विधानसभा स्तर पर भी इस मामले की जांच की जाएगी. विधानसभा के मुख्य सचेतक जोगेश्वर गर्ग की मांग पर विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने इस मामले की जांच राजस्थान विधानसभा की सदाचार समिति को सौंप दी है.
विधानसभा अध्यक्ष ने समिति से जल्द से जल्द रिपोर्ट मांगी है और कहा है कि रिपोर्ट आते ही दोषी पाए गए लोगों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी. भ्रष्टाचार के आरोपों के बाद राज्य की राजनीति में भूचाल आ गया. जिसके चलते दोनों प्रमुख राजनीतिक पार्टियों ने एक्शन लिया है.
भाजपा विधायक से 3 दिन में मांगा जवाब
भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष मदन राठौड़ ने विधायक रेवंतराम डांगा को कारण बताओ नोटिस जारी किया है. नोटिस में कहा गया है कि विधायक कोष को लेकर रिश्वत का आरोप पार्टी के अनुशासन को भंग करता है. उनसे तीन दिन के भीतर आरोपों पर अपनी सफाई देने को कहा गया है.
कांग्रेस ने 7 दिन में मांगा जवाब
कांग्रेस ने भी इस मामले पर चिंता जताई है. पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पीसीसी अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने मुख्यमंत्री और विधानसभा अध्यक्ष से तत्काल संज्ञान लेकर उच्चस्तरीय जांच करवाने की मांग की है. डोटासरा ने कहा कि जनप्रतिनिधियों को जनता सेवा के लिए चुनती है, सौदेबाजी और कमीशनखोरी के लिए नहीं.
ऐसे हुआ था स्टिंग ऑपरेशन का खुलासा
इस मामले का खुलासा खुलासा दैनिक भास्कर के एक रिपोर्टर ने किया था. रिपोर्टर ने डमी फर्म का प्रोपराइटर बनकर विधायकों से संपर्क किया था. रिपोर्टर ने बताया कि यह फर्म खादी ग्रामोद्योग बोर्ड से जुड़ी है. इस दौरान विकास कार्यों की अनुशंसा करने के बदले विधायक कथित तौर पर 40% तक कमीशन मांग रहे थे, जिसे रिपोर्टर ने कैमरे में रिकॉर्ड कर लिया. इस खबर के छपने के बाद यह मामला सामने आया.
पूरा मामला यहां देखें: राजस्थान में 'दरी-फर्श सप्लाई' के नाम पर कमीशनखोरी! स्टिंग ऑपरेशन में फंसे BJP, कांग्रेस और निर्दलीय विधायक, एक्शन शुरू!










